आकाश नागर । याद कीजिए 23 मार्च का दिन जब बंबावड़ गांव में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मां पन्नाधाय ट्रस्ट के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। तब वहां पहुंचे हजारों लोग उत्साह और आशा से लबरेज थे। कार्यक्रम के संयोजक और आयोजकों ने डिप्टी सीएम के सामने 20 मांगों का एक ज्ञापन तैयार किया था। जिसमें से बाद में 19 मांगे हटा दी गई और सिर्फ एक मांग जो बंबावड़ के साथ ही क्षेत्र के 10 गांवों के लिए जरूरी है वही डिप्टी सीएम के सामने रखी। वह मांग थी पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर “कट” दिए जाने की।
एक्सप्रेस वे पर “कट” दिए जाने की मांग कई सालों से चली आ रही है स्थानीय विधायक से लेकर सांसद तक सभी ने इसको पूरा करने का वादा किया है। लेकिन 23 मार्च को लोगों के दिलों में उस समय उम्मीद का दिया जला जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भरी जनसभा से पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर “कट” की मांग पूरी करने की घोषणा की।
आज एक बार फिर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का दादरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक तेजपाल नागर के गांव आकिलपुर जागीर में आगमन हुआ। बंबावड़ गांव से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित अकिलपुर जागीर गांव में डिप्टी सीएम मोदी सरकार के 11 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आए थे।
तीन महीने बाद डिप्टी सीएम का कार्यक्रम क्षेत्र के लोगों खासकर बंबावड़ और आसपास के गांवों के लोगों के लिए बहुत ही आशा और उम्मीदों वाला था। लोगों को उम्मीद थी कि इस कार्यक्रम में आयोजकों के द्वारा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के समक्ष उनका 3 महीने पुराना बंबावड़ गांव में किया गया वादा याद दिलाया जाएगा और पेरीफेरल एक्सप्रेसवे “कट” पर कोई सकारात्मक बात सुनने को मिलेगी।
लेकिन स्थानीय लोगों की आशा और उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब डिप्टी सीएम के 20 मिनट तक बोलने के बाद तक भी इस मुद्दे पर किसी ने एक शब्द नहीं कहा। कार्यक्रम में सिर्फ केंद्र सरकार की उपलब्धियां के गुणगान गए गए। क्षेत्र के लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यही भाजपा सरकार की सेवा और सुशासन है, जिसमें आम आदमी की आवाज अनसुनी की जा रही है?
आक
आकाश नागर स्थानीय विचारक एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं ।