नोएडा के सेक्टर 39 स्थित सामुदायिक केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में गौतमबुध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा और जिला अध्यक्ष महेश चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
संगोष्ठी की शुरुआत नेशनल फ्लैग के सम्मान के साथ की गई, जिसमें सभी उपस्थित जनों ने शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि दी। सांसद डॉ. महेश शर्मा ने अपने संबोधन में भारतीय सेना की वीरता का उल्लेख करते हुए कहा, “हम आज सुरक्षित हैं, यह भारतीय सेना के शौर्य और बलिदानों की वजह से ही संभव हो पाया है। कारगिल युद्ध में हमारे जवानों ने टाइगर हिल जैसे दुर्गम स्थानों पर जीत हासिल की, लेकिन इसे भूलना नहीं चाहिए कि इस युद्ध में भारत के 527 वीर जवान शहीद हुए थे।”
सांसद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा करते हुए बताया कि इस ऑपरेशन के तहत भारत की मिसाइलों ने आतंकियों का खात्मा किया। उन्होंने विशेष रूप से कैप्टन थापर का जिक्र किया, जो नोएडा से थे और इस युद्ध में शहीद हुए थे। उनके साहस और बलिदान को समुदाय के सभी लोगों ने एकजुट होकर नमन किया।
कार्यक्रम के दौरान जिला अध्यक्ष महेश चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना को नई मजबूती मिली है। आज हम रक्षा उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भर हो रहे हैं। पहले हमें हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब भारत स्वदेशी तकनीक से हथियार बना रहा है और दूसरे देशों को निर्यात भी कर रहा है।”
संगोष्ठी में पूर्व सेना के कई अधिकारियों को सम्मानित किया गया, जिसमें कर्नल श्रीवास्तव, जांग रिटायर्ड कर्नल शशि वैद्य, ब्रिगेडियर हक, और विंग कमांडर सी पी भाटिया जैसे नाम शामिल रहे। इन सभी पूर्व सैनिकों ने आज के कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और उपस्थित जनों के साथ अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं का स्वागत करने के लिए संयोजक चंदगीराम यादव, बिमला बाथम, राकेश शर्मा, और अन्य पदाधिकारियों ने विशेष रूप से व्यवस्था की। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम केवल सैनिकों का सम्मान करना ही नहीं, बल्कि युवाओं को प्रेरित करने का माध्यम भी है ताकि वे सेना के प्रति सम्मान और अपने देश के प्रति निष्ठा की भावना को समझ सकें।”
इस संगोष्ठी में स्थानीय नागरिक, कार्यकर्ता, और पूर्व सेनानी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल कारगिल विजय दिवस की महत्ता को उजागर करना था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि नई पीढ़ी शहीदों की कुर्बानियों को न भूले।