ग्रेटर नोएडा वेस्ट । देशभक्ति केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है — जो दिल में उतर जाए, वही सच्चा नागरिक बन पाए। इसी महती भावना को चरितार्थ करते हुए, देश की सीमाओं पर अपनी जान हथेली पर रखकर राष्ट्र की सेवा में समर्पित वीर सैनिकों की अदम्य वीरता, निस्वार्थ सेवा और सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने तथा भावी पीढ़ी को उनके अदम्य साहस से प्रेरित करने के उद्देश्य से, दैनिक जागरण के तत्वावधान में ‘भारत रक्षा पर्व 2025’ का भव्य आयोजन श्रीराम यूनिवर्सल स्कूल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अत्यंत गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन स्थानीय समुदाय और विशेष रूप से युवा मन में राष्ट्रीय गौरव और कर्तव्यनिष्ठा की भावना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को देश के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना और उन्हें उन नायकों से जोड़ना था जो हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इस विशिष्ट अवसर पर, विद्यालय को गर्व महसूस हुआ जब उसे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, कर्नल सुरेश कुमार श्रीवास्तव का आतिथ्य प्राप्त हुआ। कर्नल श्रीवास्तव का जीवन स्वयं राष्ट्रसेवा, अनुशासन और पूर्ण समर्पण की एक जीवंत मिसाल है। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम में एक असाधारण ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।
कर्नल सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने लंबे और प्रतिष्ठित सैन्य करियर के दौरान न केवल युद्धभूमि में बल्कि शांति क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने नागरिक प्रशासन के सहयोग कार्यों में भी सक्रिय योगदान दिया है, जिससे उनका अनुभव और भी व्यापक हो जाता है। उनके अनुभव, अडिग नेतृत्व क्षमता और गहन राष्ट्रभक्ति की भावना ने श्रोताओं, विशेषकर युवा पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित किया। विद्यार्थियों ने उनके जीवन के अनुभवों से अत्यधिक लाभ उठाया, जो उनके लिए अमूल्य सीख के रूप में सामने आए।
कार्यक्रम के दौरान, कर्नल श्रीवास्तव ने विद्यालय के कक्षा 6 से 9 तक के विद्यार्थियों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने अपने जीवन की प्रेरणादायक और रोमांचक कहानियाँ साझा कीं। यह केवल कहानियाँ नहीं थीं, बल्कि युद्धभूमि की सच्ची घटनाएँ, अनुशासन के महत्व पर बल देने वाले प्रसंग, देशप्रेम के गहरे अनुभव और कर्तव्य के प्रति अदम्य समर्पण की गाथाएँ थीं। हर शब्द में भावना थी, हर कहानी में भारत माता के लिए अटूट निष्ठा और त्याग की झलक थी। छात्रों के मन-मस्तिष्क पर इन कहानियों का गहरा और स्थायी प्रभाव पड़ा। वातावरण ऐसा था कि जैसे हर छात्र, हर शिक्षक, कर्नल श्रीवास्तव के हर शब्द को आत्मसात कर रहा हो। उनके वक्तव्यों ने न केवल देशभक्ति की भावना को जागृत किया, बल्कि यह भी सिखाया कि सच्चा नायक वही होता है जो देश के लिए अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करता है, चाहे वह सीमा पर सैनिक हो या समाज में एक जिम्मेदार नागरिक।
इस आयोजन ने विद्यार्थियों के भीतर केवल एक क्षणिक उत्साह का संचार नहीं किया, बल्कि उन्हें जीवन भर के लिए प्रेरित करने वाले मूल्यों को स्थापित किया। छात्रों ने बड़े उत्साह और आदर भाव से अतिथियों की बातें सुनीं। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी, वे कर्नल श्रीवास्तव के अनुभवों से जुड़ी बातों पर चर्चा करते रहे, जो इस बात का प्रमाण है कि यह आयोजन कितना प्रभावी रहा। यह विद्यार्थियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि भावनात्मक रूप से भी अत्यंत प्रेरणादायक सिद्ध हुआ, जिससे उनमें देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित हुई।
इस गरिमामय अवसर पर, विद्यालय प्रबंधन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विद्यालय के अध्यक्ष श्री योगेन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “भारत रक्षा पर्व जैसे आयोजन केवल एक समारोह नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को अपने देश के प्रति समर्पित करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमारे सैनिकों के अनुभव बच्चों को न केवल प्रेरणा देते हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह उन्हें न सिर्फ देश के इतिहास और विरासत से जोड़ता है, बल्कि भविष्य के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए आवश्यक गुणों जैसे अनुशासन, समर्पण और साहस को भी विकसित करता है।” श्री सिंह का यह कथन इस बात को रेखांकित करता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करना नहीं, बल्कि छात्रों को सर्वांगीण विकास के साथ-साथ एक सच्चा देशभक्त बनाना भी है।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में विद्यालय के निदेशक डॉ. जय कुमार सिंह, प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति राणा और उपप्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति रॉय भी सम्मिलित हुए। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया और यह दर्शाया कि विद्यालय प्रबंधन ऐसे राष्ट्र-निर्माण के आयोजनों के प्रति कितना प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम का एक और हृदयस्पर्शी अंश था, जब विद्यालय के छात्रों ने अपने हाथों से सुंदर राखियाँ बनाईं। ये राखियाँ केवल धागों का समूह नहीं थीं, बल्कि उनमें बच्चों का स्नेह, सम्मान और उन सैनिकों के प्रति कृतज्ञता समाहित थी, जो देश की सीमाओं पर तैनात रहकर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इन राखियों को देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के लिए भेजा गया। यह एक प्रतीकात्मक कार्य था जो बच्चों को सैनिकों के बलिदान के प्रति संवेदनशील बनाता है और उनमें उनके प्रति भावनात्मक जुड़ाव पैदा करता है। यह गतिविधि बच्चों को यह सिखाती है कि देशभक्ति केवल बड़े-बड़े नारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छोटे-छोटे कृतज्ञता के कार्यों और अपने देश के रक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने में भी निहित है।
‘भारत रक्षा पर्व 2025’ ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि विद्यालय शिक्षा का मंदिर ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला भी होता है। यह ऐसा स्थान है जहाँ से निकलते हैं वो भविष्य निर्माता, जिनके भीतर देशभक्ति केवल एक भावना नहीं, बल्कि कर्म बन जाती है। यह आयोजन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के स्थानीय निवासियों के लिए भी एक संदेश था कि उनके बच्चों को सही दिशा में प्रेरित किया जा रहा है, और उन्हें ऐसे मूल्यों से परिचित कराया जा रहा है जो उन्हें न केवल सफल इंसान बनाएंगे, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी।
यह कार्यक्रम इस बात पर जोर देता है कि सच्ची देशभक्ति केवल राष्ट्रीय दिवसों पर झंडा फहराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दैनिक जीवन में अनुशासन, ईमानदारी, अपने कर्तव्यों का पालन, और समाज व राष्ट्र के प्रति सकारात्मक योगदान के रूप में प्रकट होती है। कर्नल श्रीवास्तव जैसे वीरों के अनुभव युवाओं को यह सिखाते हैं कि देश की सेवा सिर्फ सेना में रहकर ही नहीं होती, बल्कि अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करके, ईमानदारी से काम करके और अपने आसपास एक बेहतर समाज का निर्माण करके भी होती है।
अंततः, ‘भारत रक्षा पर्व 2025’ श्रीराम यूनिवर्सल स्कूल में केवल एक सफल आयोजन नहीं था, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण पहल थी जिसने युवा मन में राष्ट्रप्रेम की लौ को प्रज्वलित किया। यह एक अनुकरणीय उदाहरण है कि कैसे शिक्षण संस्थान, सामाजिक संगठनों के सहयोग से, भविष्य की पीढ़ी को देश के प्रति समर्पित और जागरूक नागरिकों के रूप में ढाल सकते हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए यह गर्व की बात है कि ऐसे आयोजन उसके क्षेत्र में हो रहे हैं, जो न केवल छात्रों को शिक्षित करते हैं, बल्कि उन्हें राष्ट्र के प्रति अपने मूल गुणों और जिम्मेदारियों से भी परिचित कराते हैं। इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी जारी रहने चाहिए ताकि देशभक्ति और राष्ट्रसेवा की यह भावना हमारी आने वाली पीढ़ियों में निरंतर प्रवाहित होती रहे।