पुलिस और माँ की ममता एक साथ खड़ी हो जाएं तो कोई भी जंग जीती जा सकती है । इसको एक बार फिर से नोएडा पुलिस कमिश्नरेट की कमान संभाल रहे हैं कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने साबित किया है। यूं तो लक्ष्मी सिंह ने बीते डेढ़ साल में नोएडा में मानवीय कार्यों के अलावा गैंगस्टर रवि कान्हा जैसे गैंगस्टर को पड़कर उसके पूरे सिंडिकेट को समाप्त करने का जो काम किया है, उसके लिए उनकी तारीफ हमेशा की जाती रही है I
किंतु नोएडा के उत्तराखंड पब्लिक स्कूल से 2 दिन पहले गायब हुए दो बच्चों के बाद नोएडा पुलिस ने जिस तरीके से प्रायोरिटी पर इस पूरे मिशन को संभाला और सफलता से पूर्ण किया वह काबिले तारीफ है और पूरे मिशन में लक्ष्मी सिंह का स्वयं निगरानी करना उनकी कार्यशैली को दर्शाता है । इस पूरे प्रकरण में 7 से ज्यादा टीमों ने 500 से ज्यादा स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे को चेक किया और बच्चों को दिल्ली से ढूंढ निकाला । कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बच्चो को ढूँढ कर लाने वाली पुलिस टीम को 20,000 रूपये के पुरस्कार से पुरस्कृत किया है।
क्या है घटना ?
5 सितम्बर को थाना सेक्टर-58 पर सूचना प्राप्त हुई थी कि दो बच्चे उम्र करीब 13 वर्ष जो उत्तरांचल पब्लिक स्कूल सेक्टर-55 गए थे तथा स्कूल से घर वापस नहीं आए है। उपरोक्त सूचना पर पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशानुसार थाना सेक्टर-58 पुलिस पर अभियोग पंजीकृत करते हुए बच्चो की तलाश हेतु पुलिस उच्चाधिकारीगण के नेतृत्व में 07 पुलिस टीमों का गठन किया गया था। जनपद गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद के विभिन्न थानों सहित दिल्ली के कई इलाकों तथा इन जगहों पर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, मैट्रो स्टेशन एवं चौराहों पर लगे लगभग 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया गया तथा इन सभी जगहों पर सादे वस्त्रों में पुलिस टीम लगाई गयी थी जिससे बच्चे पुलिस को देखकर कही छुप न जाये क्योंकि प्रारंभिक जांच पडताल में ही सीसीटीवी कैमरों में बच्चों को खेलते-कूदते हुए स्वतः जाते हुए देखा गया था जिससे यह स्पष्ट था कि बच्चे घर से नाराज होकर स्वतः निकले है जिसकी बाद में पूछताछ के दौरान पुष्टि भी हुई है। पुलिस टीम के मैराथन प्रयास के पश्चात दोनों बच्चो को सकुशल तलाश कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।