नोएडा: उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला एवं हस्तशिल्प मेला “उत्तराखंड महाकौथिग” के 15वें संस्करण का आज नोएडा स्टेडियम में रंगारंग आरम्भ हो गया है। 19 से 25 दिसंबर 2025 तक चलने वाले 7 दिवसीय महाकौथिग का मुख्य अतिथि अजय कुमार पांडेय, डीआईजी, गौतमबुद्ध नगर द्वारा रिबन काट कर शुभारंभ किया गया।
महाकौथिग के मुख्य संयोजक राजेंद्र चौहान, चेयरमैन आदित्य घिल्डियाल एवं अध्यक्ष हरीश असवाल ने महाकौथिग के मंच पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि अजय कुमार पांडेय ने महाकौथिग के आयोजन को लेकर उत्तराखंड समाज की दिल खोलकर प्रशंसा की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देवभूमि मेरे दिल के बहुत करीब है और उन्होंने कविता के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड की प्रशंसा की।
महाकौथिग टीम द्वारा मुख्य अतिथि अजय कुमार पांडेय को अंग वस्त्र, पुष्प गुच्छ एवं गंगाजल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस दौरान उत्तराखंड के अल्मोड़ा से आई छोलिया नृत्य टीम द्वारा पारंपरिक बाध्य यंत्रों के साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति को दर्शाते हुए प्रस्तुति पेश की गई। इसके अलावा भगवत मनराल के नृत्य निर्देशन में उत्तराखंड की लोक संस्कृति को दर्शाती एक खूबसूरत लोक नृत्य की प्रस्तुति पेश की गई।
उद्घाटन अवसर पर डीआईजी अजय कुमार पांडे के अलावा एसीपी स्वतंत्र कुमार, एसएचओ सुबोध तोमर सहित पुलिस प्रशासन की टीम मौजूद रही। गौरतलब है कि इस बार पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की ओर से नोएडा में आयोजित 15वें महाकौथिग में उत्तराखंड के प्रसिद्ध जागेश्वर धाम मंदिर की थीम पर खूबसूरत मंच बनाया गया है।
इससे पहले महाकौथिग के आगाज पर आज सुबह नोएडा स्टेडियम में उत्तराखंड के पारंपरिक बाध्य यंत्रों एवं लोक संगीत के साथ सभी अथितियों का शानदार स्वागत किया गया। महाकौथिग मेले के शुभारंभ के साथ ही उत्तराखंड के लोक गीतों पर पहाड़ के लोक कलाकारों द्वारा खूबसूरत नृत्य की प्रस्तुति पेश की गई।
शाम के सत्र में करीब 3:30 बजे से रात 7:30 बजे तक उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण (जागर सम्राट) तथा लोक गायक नवीन पाठक उत्तराखंडी लोक गीतों की रंगारंग प्रस्तुति देंगे। इस बार महाकौथिग में उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों के करीब 180 स्टाल लगे हैं, जिनमें उत्तराखंड के व्यंजन, दाल, अनाज, पहाड़ी मिठाई, कपड़े आदि सामग्री उपलब्ध हैं। पहाड़ी व्यंजनों के शौकीन लोगों के लिए 30 से ज्यादा खाने-पीने के स्टाल लगे हैं।
