रुपिका भटनागर। देश की अग्रणी ऑटोमोटिव कंपनी स्पार्क मिंडा (Spark Minda) ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को गहरा करते हुए, उत्तराखंड राज्य में एक महत्वपूर्ण मानवीय पहल की शुरुआत की है। स्पार्क मिंडा फाउंडेशन ने उत्तराखंड सरकार के सहयोग से ऊधम सिंह नगर जिले में ‘दिव्यांग सशक्तिकरण कौशल विकास केंद्र’ और एक ‘डिजिटल एजुकेशन मोबाइल बस’ का उद्घाटन किया है। यह महत्वाकांक्षी कार्यक्रम उत्तराखंड के दिव्यांगजन और जरूरतमंद युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाने और राज्य भर में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
बीते मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस पहल का औपचारिक उद्घाटन किया गया, जो समावेशी विकास और कौशल विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इस अवसर पर स्पार्क मिंडा फाउंडेशन की चेयरपर्सन सारिका मिंडा भी उपस्थित रहीं, जो कंपनी की सीएसआर दृष्टि के साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाती हैं।
इस पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य दिव्यांगजन और युवाओं के बीच डिजिटल एजुकेशन और रोजगार उपलब्ध कराना है उत्तराखंड सरकार के समर्थन से हम उधम सिंह नगर जिले में दिव्यांगजन एवं जरूरतमंद लोगों के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध हैं
सारिका मिंडा , चेयरपर्सन – स्पार्क मिंडा फाउंडेशन
नोएडा मीडिया क्लब में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए, स्पार्क मिंडा के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट एवं ग्रुप हेड (सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी) प्रवीन कर्ण ने इस पहल के मूल उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। श्री कर्ण ने कहा, “इस पहल को उत्तराखंड में दिव्यांगजन और आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक, रोजगारोन्मुख कौशल से लैस करके सशक्त बनाने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका लक्ष्य लाभार्थियों को आत्म-निर्भर व्यक्तियों में बदलना है, जिससे वे समाज और अर्थव्यवस्था में सार्थक योगदान दे सकें।
मिंडा कॉर्पोरेशन लिमिटेड को “दिव्यांगजनों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता” श्रेणी में दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रपति का राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा भी कम्पनी को बेस्ट सीएसआर कम्पनी का पुरुस्कार भी मिला है I कम्पनी अब तक 30000 लोगो को कृत्रिम पैर लगवा चुकी है।
प्रवीन कर्ण – सोसिएट वाइस प्रेसिडेंट एवं ग्रुप हेड (सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी)
नया स्थापित कौशल विकास केंद्र बुनियादी कंप्यूटर संचालन, टैली और जीएसटी जैसे आवश्यक ट्रेडों में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करेगा – जो आज की डिजिटल अर्थव्यवस्था में रोजगार के लिए महत्वपूर्ण कौशल हैं। प्रशिक्षण के अलावा, फाउंडेशन महत्वपूर्ण प्लेसमेंट सहायता और करियर मार्गदर्शन प्रदान करने का भी वादा करता है, जिससे प्रशिक्षित युवाओं का कार्यबल में सुचारु संक्रमण सुनिश्चित हो सके। केंद्र के पूरक के रूप में, अभिनव डिजिटल एजुकेशन मोबाइल बस दूरदराज और वंचित ग्रामीण क्षेत्रों तक डिजिटल साक्षरता का विस्तार करेगी, जिससे डिजिटल विभाजन को प्रभावी ढंग से पाटा जा सकेगा और शैक्षिक अवसरों तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पहले से ही चल रहे कई कार्यक्रम
यह सामुदायिक विकास में स्पार्क मिंडा फाउंडेशन का पहला कदम नहीं है। यह कार्यक्रम पहले ही उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में उल्लेखनीय सफलता का गवाह बन चुका है, जहां इसने 1,500 से अधिक युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। इस सिद्ध मॉडल के आधार पर, फाउंडेशन का लक्ष्य उत्तराखंड में 1,000 से अधिक जरूरतमंद युवाओं को प्रशिक्षित करना है, उन्हें व्यवहार्य रोजगार के अवसरों से जोड़ना और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देना है।
स्पार्क मिंडा फाउंडेशन की गतिविधियां सामाजिक उत्थान के लिए नई नहीं हैं, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पहले से ही कई कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहे हैं। उत्तराखंड में यह विस्तार राष्ट्रीय विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में एक रणनीतिक गहनता को दर्शाता है। एक सूचित परिप्रेक्ष्य से, यह पहल न केवल अपने पैमाने के लिए बल्कि अपने एकीकृत दृष्टिकोण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करके और ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास को डिजिटल आउटरीच के साथ जोड़कर, स्पार्क मिंडा सामाजिक बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण अंतरालों को संबोधित कर रहा है। उत्तराखंड सरकार के साथ सहयोग एक मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल का भी एक उदाहरण है जो स्थायी प्रभाव के लिए आवश्यक है।
स्पार्क मिंडा कॉर्पोरेशन: भारतीय ऑटोमोटिव कंपोनेंट उद्योग में एक पॉवरहाउस
भारतीय ऑटोमोटिव कंपोनेंट विनिर्माण क्षेत्र में एक प्रमुख नाम, स्पार्क मिंडा कॉर्पोरेशन (BSE: 538962; NSE: MINDACORP) लगातार घरेलू और वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। वर्ष 1985 में स्थापित, यह कंपनी स्पार्क मिंडा समूह की फ्लैगशिप इकाई है और ऑटोमोबाइल उद्योग के विभिन्न वर्गों के लिए तकनीकी रूप से उन्नत समाधान प्रदान करने में अग्रणी रही है।
मिंडा कॉर्पोरेशन का परिचालन पूरे भारत में फैला हुआ है, साथ ही इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण पहुंच है। कंपनी का मुख्य ध्यान ओईएम (Original Equipment Manufacturers) और टियर-1 ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित है, जिसके कारण इसने भारतीय और वैश्विक दोनों बाजारों में एक मजबूत ग्राहक आधार बनाया है।
विविध उत्पाद पोर्टफोलियो और व्यापक बाजार कवरेज
पेशेवरों के लिए, मिंडा कॉर्पोरेशन की ताकत उसके विविध और तकनीकी रूप से गहन उत्पाद पोर्टफोलियो में निहित है। कंपनी तीन प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादों का निर्माण करती है: मैकेट्रॉनिक्स, इंफॉर्मेशन एवं कनेक्टेड सिस्टम्स, तथा प्लास्टिक एवं इंटीरियर उत्पाद।
यह व्यापक पेशकश कंपनी को विभिन्न वाहन खंडों की सेवा करने में सक्षम बनाती है, जिनमें 2/3 व्हीलर, पैसेंजर वाहन, कमर्शियल वाहन, ऑफ-रोडर तथा आफ्टर-मार्केट शामिल हैं। यह विविधीकरण मिंडा कॉर्पोरेशन को ऑटोमोटिव उद्योग के चक्रीय उतार-चढ़ाव के खिलाफ एक मजबूत स्थिति प्रदान करता है।









