आशु भटनागर । दादरी विधानसभा से विधायक तेजपाल सिंह नागर, जिन्हें लोग प्यार से ‘मास्टर तेजपाल’ के नाम से जानते हैं, अपने राजनीतिक जीवन और सफलता के कारण चर्चा में हैं। तेजपाल सिंह नागर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश विधानसभा के 18वें तथा 17वें सदन में भी उनकी उपस्थिति रही है। कभी बंदूक और गोलियों की संस्कृति वाली राजनीति का गढ़ रहे इस क्षेत्र में विधायक की शिक्षाप्रद पृष्ठभूमि और समाज में उनकी सक्रियता ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाई है और यही पहचान इस क्षेत्र में उनको अजेय भी बनाती है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
तेजपाल सिंह नागर का जन्म 12 अक्तूबर 1953 गौतमबुद्ध नगर जिले के अकीलपुर जागीर गाँव में हुआ। उनकी शिक्षा में स्नातकोत्तर डिग्री का होना उनके शैक्षिक स्तर को दर्शाता है। उन्होंने संत विनोबा उच्च विद्यालय, वेदपुरा में प्रधानाचार्य के रूप में कार्य किया, जो उनके शिक्षण अनुभव को उजागर करता है। उनका विद्या से गहरा संबंध उन्होंने अपने राजनैतिक करियर में भी बनाए रखा है, जिसमें उन्होंने शिक्षा को प्राथमिकता दी है और तमाम राजनैतिक उतार चदाव के बाबजूद शिक्षक को दबने नहीं दिया।
राजनीतिक यात्रा
कभी बंदूक और गोलियों की संस्कृति वाली राजनीति का गढ़ रहे इस क्षेत्र में मास्टर तेजपाल नागर का असली राजनीतिक करियर 2017 में शुरू हुआ, जब उन्हें दादरी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुना गया। किन्तु उस पहले लगभग 10 वर्षो तक वो स्थानीय राजनीती में भी अपनी पहचान बनाते रहे। 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा में उनकी जीत ने संकेत दिया कि क्षेत्र की जनता ने अब बदलाब चाहती थी और उन्होंने शैक्षिक प्रष्टभूमि से आये मास्टर तेजपाल को व्यापक समर्थन दिया था। 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से दादरी से 218,068 वोट प्राप्त करके अपनी दावेदारी को मजबूती दी। उनकी संपत्ति और देनदारियों का ओवरव्यू यह स्पष्ट करता है कि वे वित्तीय दृष्टि से एक संतुलित नेता हैं। उनके पास 5.9 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें 5.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।
आज 72 वर्ष के हो रहे तेजपाल सिंह नागर एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने शैक्षिक दृष्टिकोण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अपनी पहचान बनाई है। क्षेत्र की राजनीति में उनकी स्थिति की स्थिरता और उनकी प्रवृत्तियों के आधार पर, उन्हें आगामी चुनावी दौर में युवा नेताओं के उभरने को समझना होगा और खुद को राजनीतिक परिपक्वता के साथ तैयार करना होगा। हालांकि वे पहले से ही एक लोकप्रिय नेता बन चुके हैं, वे यह भी समझते हैं कि राजनीति में समय के साथ बदलाव आवश्यक है।
राजनीतिक चक्रव्यूह में अभिमन्यु नहीं, अर्जुन बन कर निकले
साल 2014 में लोकसभा चुनाव में डाक्टर महेश शर्मा का समर्थन करने और उनकी करीबी संबंध के चलते तेजपाल नागर को भाजपा में शामिल होने और टिकट पाने में मदद मिली। उस दौर में भी उनके ही साथ ने लोगो ने उनका विरोध किया किन्तु यह संबंध उनकी राजनीतिक यात्रा में महत्वपूर्ण साबित हुआ। कहा जाता है कि तेजपाल नागर ने कभी उन्होंने महेश शर्मा के प्रति अपनी वफादारी कम नहीं की। इसी का लाभ उन्हें हमेशा मिला है। 2022 में उनके टिकट कटवाने के लिए भाजपा में ही विरोधी खैमों में शामिल लोगों ने हाथ मिला लिए थे, लेकिन महेश शर्मा ने उनका साथ नहीं छोड़ा। बताया जाता है कि उनकी मजबूत पैरवी विधायक के काम आई।
तेजपाल नागर की राजनीतिक यात्रा मात्र एक शिक्षक से विधायक बनने का औसत नहीं है। उनका सम्पर्क क्षेत्र के युवाओं के साथ और शिक्षा के प्रति उनके योगदान ने उन्हें न केवल एक नेता बल्कि एक मेंटर भी बना दिया है। विधायक बनने से पहले, उन्होंने क्षेत्र के कई युवाओं को पढ़ाया था , रोचक तथ्य ये भी है कि उनमे से कई उनके साथ रहे तो कइयो ने भाजपा से टिकट के लिए अपने शिक्षक से मार्गदर्शन भी लिया। राजनीतिक रूप से, यह साबित करता है कि वे न केवल मोहक रहे हैं, बल्कि अपने शिष्यवर्ग का भी ध्यान रखते हैं।
विवाद भी तेजपाल नागर की राजनैतिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। बीते चुनावों के दौरान राजनीतिक चक्रव्यूह में विरोधियो ने सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा अनावरण विवाद रच कर तेजपाल नागर को बड़ी चुनौती दी थी। उनके राजनैतिक विरोधियों ने इस अवसर का उपयोग करके उन पर कई आरोप लगाए और उनके खिलाफ प्रदर्शन किए। ऐसी परिस्थितियों में, उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहा कि क्षेत्र की जनता जो निर्णय लेगी, वे उसे स्वीकार करेंगे। उसके बाद 1,38,218 के अंतर से मिली बड़ी जीत ने उन विरोधियो का राजनैतिक जीवन ही समाप्त कर दिया और राजनीतिक चक्रव्यूह में तेजपाल नागर अभिमन्यु नहीं, अर्जुन बन कर निकले
9 वर्षो में दादरी विधान सभा की जनता के लिए किये बड़े काम
2 बार विधायक बनाकर अगर दादरी विधान सभा कि जनता ने अपनी विश्वाश तेजपाल नागर पर जताया तो बदले में तेजपाल नागर ने भी उस विश्वाश को बनाये रखने के लिए कम प्रयास नहीं किये हैं I ग्रामीण और शहरी, स्थानीय और अप्रवासी सभी पक्षों के लिए योजनाये बनवाने से लेकर व्यक्तिगत समस्याओ के समाधान पर तेजपाल नागर हमेशा तत्पर दिखाई देते हैं I
चाहे वो दादरी में सडको कि समस्याए हो या किसानो की लीज बेक जैसी समस्याए रही हो I 18 वर्षो के अपनी दुर्दशा के लिए आंसू बहा रही दादरी की रेलवे रोड के लिए तेजपाल नागर मुख्यमंत्री के दरबार चले गए जिसके बाद इसके बन्ने का रास्ता प्रशस्त हुआI उन्होंने जारचा–खोगड़ा मार्ग के बीच राजकीय डिग्री कॉलेज का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया है। विधायक तेजपाल नागर ने प्रधान जन विकास कार्यक्रम, के अंतर्गत नगर पंचायत दादरी क्षेत्र में 234 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक केन्द्र निर्माण कार्य एवं फेस 1 में 40 लाख एवं फेस 2 में 34 लाख (कुल लगभग लागत 74 लाख) की लागत से होने वाले विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया।
इसके साथ शहरी क्षेत्र ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लोगो के लिए रजिस्ट्री से लेकर सरकारी अस्पताल में सुविधाओ और शहरी क्षेत्र के लिए आधुनिक शमशान घाट के निर्माण की मांग हो सब पर दादरी विधायक लगातार प्रयास कर पूर्ण करा रहे है I फिलहाल क्षेत्र में मेट्रो शुरू करवाने, सरकारी डिग्री कालेज और बड़े सरकारी अस्पताल के लिए भी वो लगातार प्रयास कर रहे हैं I
इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 130 मीटर रोड से गांव सैनी, वेदपुर व बादलपुर होने से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से जोडऩे के लिए बाईपास के साथ ही रूपवास बाईपास तथा बोड़ाकी औैर जारचा के बीच बाईपास का निर्माण कराया जाए ताकि दादरी के लोगों का समय बचे और उन्हें आने-जाने में सुविधा हो।
दादरी विधानसभा में विकास की रफ्तार किसी भी सूरत में धीमी नहीं होगी। चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, सड़कें हों, बिजली–पानी की व्यवस्था हो या फिर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर – हर क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है और भविष्य में भी जारी रहेगा।
तेजपाल नागर विधायक दादरी
भविष्य की राजनीतिक दिशा
अब जबकि चुनावों की आहट है, तेजपाल नागर को अपनी रणनीतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। उन्हें न केवल अपने सिपाहियों से, बल्कि क्षेत्र के मतदाताओं से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। भाजपा की जन विश्वास यात्रा में सक्रिय भागीदारी ने उनके प्रति जनता के रुख को सुधारने की दिशा में एक प्रयास किया है, लेकिन उन्हें नए विचार और योजनाएं भी लाने की जरूरत है।
राजनीति में लम्बे समय तक बने रहना आसान नहीं है। तेजपाल नागर जैसे पढ़े लिखे नेताओं को प्रतिदिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 2022 के चुनाव में उन्होंने सफलतापूर्वक अपनी सीट बनाए रखी, लेकिन अब 2027 में उनके लिए यह आवश्यक होगा कि वह युवा नेताओं के बीच अपनी स्थिति को फिर से साबित करें। क्या तेजपाल मास्टर अपनी राजनीति की यात्रा को नए आयाम देने में सफल होंगे, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल उनकी यात्रा के पिछले अनुभव उन्हें मजबूत आधार प्रदान करते हैं।