रविवार को नोएडा में प्रयागराज (इलाहाबाद) मूल के लोगों का एक अनोखा और जीवंत मिलन समारोह आयोजित किया गया, जो वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में बसे हुए हैं। इस आयोजन की मेज़बानी टीम एजीसी (Allahabadi Global Connect) ने की। इसका उद्देश्य इलाहाबादी समुदाय को एक ही छत के नीचे जोड़ना और अपनी साझा जड़ों व सांस्कृतिक पहचान का उत्सव मनाना था।
कार्यक्रम का संचालन एजीसी फेसबुक ग्रुप के एडमिन सौरभ अस्थाना और अमिताभ ललोरिया (AGC दिल्ली चैप्टर एडमिन्स) ने किया। इस अवसर पर 70 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और आत्म-परिचय, एकल प्रस्तुतियों तथा संगीतमय कार्यक्रमों से माहौल को बेहद जीवंत बना दिया।
शाम का मुख्य आकर्षण अर्चना अनिरुद्ध सिंह, प्रीति मिश्रा और सुनील अग्रहरी का सुरीला गायन रहा। वहीं, नीति शुक्ला की वॉइस-ओवर प्रस्तुति ने सभी का दिल जीत लिया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकारों ने भी मंच पर शानदार प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे समारोह की गरिमा और बढ़ गई।
इस अवसर पर विभास अवस्थी, विवेक कुमार, अनिरुद्ध सिंह, डॉ. आलोक मिश्रा, पंकज चतुर्वेदी, उज्ज्वल कुमार, अजय कुमार शर्मा, निशांत भार्गव, अंकित अरोड़ा, शशि मिश्रा, अरविंद भाटी, गौरव सिंह, सौरभ सिंह, कमल चोपड़ा, नीति शुक्ला, प्रीति, सीमा सिंह और निधि सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उनकी मौजूदगी ने क्षेत्र में बसे इलाहाबादी समुदाय की शक्ति और जीवंतता को और अधिक उजागर किया।
समारोह का समापन उल्लास और उमंग के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रवास में रहकर भी वे अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ पाए। साथ ही, यह संकल्प लिया गया कि भविष्य में भी ऐसे मिलन समारोह नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, ताकि दिल्ली-एनसीआर में इलाहाबाद की आत्मा और अपनापन हमेशा जीवित रहे।
क्या है Allahabadi Global Connect?
इलाहाबादी ग्लोबल कनेक्ट (AGC) फेसबुक ग्रुप आज एक जीवंत सामुदायिक मंच के रूप में उभरा है, जो प्रयागराज (इलाहाबाद) से जुड़े उन लोगों को जोड़ता है जो देश-विदेश में बसे हुए हैं। कोविड महामारी के दौरान वर्ष 2020 में शुरू हुआ यह समूह आज 20,000 से अधिक सदस्यों के साथ पूरे विश्व में सक्रिय है। इसका उद्देश्य इलाहाबाद की संस्कृति, परंपराओं और आपसी जुड़ाव को जीवित रखना है।

सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म ही नहीं, एजीसी ने ऑफलाइन मिलन समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। दिल्ली-एनसीआर चैप्टर और लखनऊ चैप्टर में हुए कार्यक्रमों ने परदेस में रह रहे इलाहाबादियों को अपनापन और जुड़ाव का एहसास कराया है। राष्ट्रीय कवियों और कलाकारों का सम्मान करने से लेकर इलाहाबाद के बौद्धिक व सांस्कृतिक योगदान को रेखांकित करने तक, यह समूह अपने आप में एक “वर्चुअल घर” साबित हुआ है।