ग्रेटर नोएडा निवासियों के लिए एक खुशखबरी है, क्योंकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 10 में मियावाकी पद्धति से पौधरोपण का आयोजन किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वायुमंडलीय सुधार और पर्यावरण संरक्षण है।
इस विशेष कार्यक्रम में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस के नेतृत्व में कैच फाउंडेशन और कोवेस्ट्रो इंडिया के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस परियोजना के तहत करीब दो एकड़ भूमि में 15,000 पौधे लगाए गए हैं, जिनमें नीम, शीशम, आम, और जामुन जैसे विभिन्न प्रजातियां शामिल हैं।
मियावाकी पद्धति के तहत पौधरोपण की विशेषता यह है कि इसमें तीन स्तरों—केनोपी लेयर, ट्री लेयर और सब ट्री लेयर—में पौधों को रोपा जाता है। इसके माध्यम से जीवंत जैव विविधता के साथ-साथ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की क्षमता को भी बढ़ाया जाता है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम संजय कुमार जैन ने बताया कि इस ग्रीन बेल्ट को माउंटेन के आकार में विकसित किया जाएगा। पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप पद्धति का उपयोग किया गया है, जिससे पौधों को आवश्यक पानी की मात्रा मिलती है और पानी की खपत भी कम होती है।
पौधों को सुरक्षित रखने के लिए जालीदार बाउंड्री का निर्माण किया गया है। सहायक निदेशक उद्यान बुद्ध विलास ने इस पहल को सराहा, यह कहते हुए कि ये फसल और वनस्पति बायो-डायवर्सिटी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं तथा पर्यावरण में सुधार लाने में सहायक होंगे।
इस अभियान में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उप निदेशक नथोली सिंह, प्रबंधक मिथलेश कुमार तथा कैच फाउंडेशन और कोवेस्ट्रो इंडिया से भरत सिसोदिया, अंकिता शाह, और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम के तीन साल बाद, जब ये पौधे पूर्ण विकसित होंगे, तब यहां का दृश्य निश्चित रूप से स्थानीय निवासियों के लिए एक नई हरियाली और सौंदर्य से भरा होगा। यह पहल न केवल पर्यावरण को सहेजने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है, बल्कि ग्रेटर नोएडा के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।