रुपिका भटनागर । गौतम बुद्ध नगर जनपद की नव नियुक्त जिलाधिकारी मेधा रूपम की कार्यशैली और जनसंपर्क के प्रयासों की इन दिनों हर ओर सराहना हो रही है। महज एक सप्ताह में ही उन्होंने अपनी सक्रियता और संवाद की भावना के साथ ग्रामीणों की समस्याओं को न केवल गंभीरता से सुना, बल्कि उनके समाधान के लिए त्वरित कदम भी उठाए हैं।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों का दौरा किया, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों से सीधा संवाद स्थापित किया। इस दौरान उनके सामने प्रमुख समस्याएं आईं, जैसे बारिश के कारण जलभराव, टूटी सड़कों, बंद पड़ी नालियों, और अपूर्ण पुलियों का निर्माण। यह समस्याएं ग्रामीणों के दैनिक जीवन में गंभीर बाधाएं बनकर उभरी हैं, विशेषकर जब बरसात का मौसम आता है।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को यह बताया कि जलभराव के कारण उन्हें न केवल आवागमन में कठिनाई होती है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। जवाब में, जिलाधिकारी ने तुरंत संबंधित विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जलभराव की समस्या का त्वरित और स्थायी समाधान किया जाए, ताकि आगामी बारिश से पहले राहत उपलब्ध हो सके।
जिलाधिकारी ने साफ-क्लीन नालियों, जल निकासी व्यवस्था को ठीक करने, और अपूर्ण सड़कों एवं पुलियों के निर्माण कार्यों को तेज गति देने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरे होने चाहिए।
मेधा रूपम ने किसानों और ग्रामीणों से बातचीत में भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “आम लोगों की सरकार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करना ही प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।”
जिलाधिकारी मेधा रूपम की इन पहल के कारण स्थानीय निवासियों में नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का मानना है कि इस तरह के संवाद और त्वरित कार्यवाही से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या इन प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर जल्द दिखाई देगा।जिलाधिकारी मेधा रूपम ने जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों का दौरा किया, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों से सीधा संवाद स्थापित किया। इस दौरान उनके सामने प्रमुख समस्याएं आईं, जैसे बारिश के कारण जलभराव, टूटी सड़कों, बंद पड़ी नालियों, और अपूर्ण पुलियों का निर्माण। यह समस्याएं ग्रामीणों के दैनिक जीवन में गंभीर बाधाएं बनकर उभरी हैं, विशेषकर जब बरसात का मौसम आता है।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को यह बताया कि जलभराव के कारण उन्हें न केवल आवागमन में कठिनाई होती है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। जवाब में, जिलाधिकारी ने तुरंत संबंधित विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जलभराव की समस्या का त्वरित और स्थायी समाधान किया जाए, ताकि आगामी बारिश से पहले राहत उपलब्ध हो सके।
जिलाधिकारी ने साफ-क्लीन नालियों, जल निकासी व्यवस्था को ठीक करने, और अपूर्ण सड़कों एवं पुलियों के निर्माण कार्यों को तेज गति देने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरे होने चाहिए।
मेधा रूपम ने किसानों और ग्रामीणों से बातचीत में भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “आम लोगों की सरकार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करना ही प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।”
जिलाधिकारी मेधा रूपम की इन पहल के कारण स्थानीय निवासियों में नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का मानना है कि इस तरह के संवाद और त्वरित कार्यवाही से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या इन प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर जल्द दिखाई देगा।